Wednesday 28 December 2016

नायक

नायक
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जो हत्या कर
अहिंसा पर भाषण दे सके
हमारे समय का नायक वही है

जो रिश्वत से मंच तक पहुंचे
और
भ्रष्टाचार पर बोलता रहे
हमारे समय का नायक वही है

जो क्रूरता पर डाल सके
मासूम मुस्कुराहटों का पर्दा
हमारे समय का नायक वही है

इस जटिल समय में
जो कुटिल हो सके
हमारे समय का नायक वही है

हम जिसका इंतज़ार कर रहे
उसका वेश जो धारण कर सके बहरूपिया
हमारे समय का नायक वही है
..........................
हमने न जाने कितनी लड़ाइयाँ उसके इंतज़ार में हारी हैं
...........................
हमारी लाशों पर जो समझौता कर सके
हमारे समय का नायक वही है

Tuesday 27 December 2016

लघु कविता

तेरा मेरा प्यार
जैसे
एक कप चाय में
दो चम्मच चीनी एक्स्ट्रा

Thursday 15 December 2016

कविता अरमान आनंद

सच समय के उस पार
राम ने मार दिया रावण को
और
कृष्ण ने कंस को

सच से बिलकुल दूर
हम रटते और दुहराते रहे
नायकों के इंतज़ार का सूनापन

मन्त्रों और मनगढंत उम्मीदों के बीच
पुष्ट करते रहे
अपनी भीतर के राक्षस का सीना

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