14को आगरा जा रहा हूँ। बेरोजगारी का फायदा ये कि आपको घूमने के खूब मौके मिलते हैं। बेरोजगारी और आवारगी का सम्बन्ध जीजा साली वाला है। रंगीन और संगीन।
आगरे में तीन चीज़े प्रसिद्ध हैं। पेठा, पागलखाना, और ताजमहल। ताजमहल और पेठा कैसे बना ये तो सब जानते हैं। पागलखाना कैसे बना ये बताता हूँ। एक बार एक अंग्रेज अधिकारी आगरा पहुंचा। पेठा खा के मस्त हो गया। फिर शाम को बग्ग्घी से ताजमहल देखने निकला। ताजमहल देखा तो दंग रह गया। उसने कारिंदों को कहा मेरा सामान गेस्ट हाउस से ले आओ। अब हम इसी महल में रहेंगे। गाइड ने कहा सरकार ये महल नहीं कब्र है। यहाँ नहीं रह सकते। गाइड ने आगे बताया राजा ने रानी को खूब प्यार किया , जिससे रानी बच्चा पैदा करते करते मर गई। फिर उसकी याद में राजा ने ताजमहल बनवाया। ताजमहल बनवाने के बाद राजा ने यहीं ताज बनाने वाले कारीगर के हाथ भी काटा था। जिससे कि वो कोई दूसरा ताज न बना सके।
अंग्रेज ने कहा इस शहर को पागलखाने की जरुरत है। जल्दी से पागलखाना बनवाया जाय।
फिर क्या था आगरा का पागलखाना तैयार हो गया और जब से पागलखाना बना दूसरा ताजमहल नहीं बना। मन हो तो भिजिट(विजिट) कर आइये।
Thursday 12 March 2015
आगरे का पागलखाना (गल्प) - अरमान आनंद
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