सच समय के उस पार
राम ने मार दिया रावण को
और
कृष्ण ने कंस को
सच से बिलकुल दूर
हम रटते और दुहराते रहे
नायकों के इंतज़ार का सूनापन
मन्त्रों और मनगढंत उम्मीदों के बीच
पुष्ट करते रहे
अपनी भीतर के राक्षस का सीना
व्याकरण भाषा का हो या समाज का व्याकरण सिर्फ हिंसा सिखाता है व्याकरण पर चलने वाले लोग सैनिक का दिमाग रखते हैं प्रश्न करना जिनके अधिकार क्षे...
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