बनारस (1)
तुम्हारे महात्मय से
सर जैसे ही झुका
गोड़ गोबर*में घुसते घुसते बचा
अहो भाग्य
वहां गड्ढा नहीं था।
*गोड़- पैर
बनारस (2)
मुंह इधर कर न बांदर
उधर क्या देखता है
कंघी कर पानी मार के
ऐसे कैसे जीता है
हम तुझे क्योटू बनावेंगे
तू कशिया चरस पीता है
बनारस(3)
अच्छी अच्छी सुनना हो
किसी और से कहो
न गालिबन तुम वो रहे
न हम ग़ालिब
बनारस(4)
किधर किधर न ढूँढा तुझको रे
तू इधर
शाही नाले में गोंता मार बैठा है
अब तू
जब इतना ऐंठा है
कल के कल जापान से कैमरा वाला ड्रोन मंगवाएंगे
कल के कल तुझे बाहर निकलवायेंगे
बनारस(5)
बउआ बनारसी
आज कल टीना का एक तलवार रखता है
लचर पोंय टाइप
घुस गया एक दिन बूचर खाने में
बोला
गाय हमारी माता है
टुन टूना टुन
बजा तभी उका फोन
आवाज आई
मैया बीमार हैं तुमरी
घर आ जाओ
पेट से दस किलो पिलास्टिक निकला है
हाय राम दईया रे दईया
मियान कने है
बनारस(6)
अरे बनारसी
सुना कि रानी बिक्टोरिया के पाँव तल्ले बजरी बिछा के
एगो बनारसी राजा कंगला होय गवा
और
अब तो धरम करम बेच के सब अमीर हो रहे
तू रह गया कैसे फ़टे का फ़टे
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