मुझे न ढूंढ
खो जा
मैं वहीं मिलूंगा
जहां
न तू पहुंच सके
न मैं आ सकूं
मिलूंगा
जहाँ
सब कुछ
नहीं है
मुझे न ढूंढ
खो जा
गहरे सन्नाटे में
पदचाप की तरह
चला जा
मेरा हाथ न थाम
मेरी आत्मा में घुल
मेरी साँसों में मिल
मेरी आँखों में खिल
मुझे मृत्यु दे
मुझे जी
मुझे पहन
ओढ़
बिछा
जा
चला जा
मेरे साथ बिखर जा
संवर जा
बह जा
मुझे न ढूंढ
खो जा
अरमान आनंद
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