Saturday, 9 November 2024

व्याकरण कविता अरमान आंनद

व्याकरण

भाषा का हो या समाज का 
व्याकरण
सिर्फ हिंसा सिखाता है

व्याकरण पर चलने वाले लोग
सैनिक का दिमाग रखते हैं

प्रश्न करना 
जिनके अधिकार क्षेत्र से बाहर की चीज़ है
और
हिंसा
एक आदेश

व्याकरण की रक्षा करना
भविष्य और संभावनाओं हत्या करना है

अरमान आनंद

No comments:

Post a Comment

Featured post

कविता वो खुश नहीं है - अरमान आनंद

वो खुश नहीं है ---------------------- उसने कहा है वो खुश नहीं है ब्याह के बाद प्रेमी से हुई पहली मुलाकात में उदास चेहरे के साथ मिली किसी बाज़...