तुम्हारा नाश हो {कविता}
तुमने भारत को माँ कहते ही
डाल दिए पत्थर उसके गुप्तांगो में
दाग दी गोली नृसंश बलात्कार के बाद
गोली गर्भ और मस्तिष्क को भेदती हुई मेडल में बदल गयी
तुमने भारत को माँ कहते ही
पहाड़ों को निचोड़ लिया स्तनों की तरह
और खींच कर उसका रक्त बेच दिया बिसलेरी की बोतलों में
हे भारत के माननीय
दलालों
तुमने हमारी जड़ जोरू और जमीन का सौदा किया
तुमने भारत को माँ कहते ही
डाल दिए पत्थर उसके गुप्तांगो में
दाग दी गोली नृसंश बलात्कार के बाद
गोली गर्भ और मस्तिष्क को भेदती हुई मेडल में बदल गयी
तुमने भारत को माँ कहते ही
पहाड़ों को निचोड़ लिया स्तनों की तरह
और खींच कर उसका रक्त बेच दिया बिसलेरी की बोतलों में
हे भारत के माननीय
दलालों
तुमने हमारी जड़ जोरू और जमीन का सौदा किया
तुमने बेचीं
हमारी भाषा , संस्कृति, सोच,भावनाएं और आदर्श
तुम वादा करते रहे
हमारे ही उपजाए अनाज को हमारे पेट तक पहुंचाने का
और लिखते रहे भूख का इतिहास
विकास के नाम पर हमें सौप दिया
अयोध्या और गोधरा के उजड़े गाँव का नक्शा
क़ानून के नाम पर लिखा
कश्मीर मणिपुर बस्तर और भट्ठा परसौल
तुमने जय जवान कहते ही लूट ली बेटियों की अस्मत
जय किसान कहते ही बना दिया विदर्भ को श्मशान
जय विज्ञान कह कर बिठा दिया रसायनिक हथियारों के नीचे
हे भारत के तथाकथित उद्धारकर्ताओं
तुम्हारा नाश हो
अरमान।
हमारी भाषा , संस्कृति, सोच,भावनाएं और आदर्श
तुम वादा करते रहे
हमारे ही उपजाए अनाज को हमारे पेट तक पहुंचाने का
और लिखते रहे भूख का इतिहास
विकास के नाम पर हमें सौप दिया
अयोध्या और गोधरा के उजड़े गाँव का नक्शा
क़ानून के नाम पर लिखा
कश्मीर मणिपुर बस्तर और भट्ठा परसौल
तुमने जय जवान कहते ही लूट ली बेटियों की अस्मत
जय किसान कहते ही बना दिया विदर्भ को श्मशान
जय विज्ञान कह कर बिठा दिया रसायनिक हथियारों के नीचे
हे भारत के तथाकथित उद्धारकर्ताओं
तुम्हारा नाश हो
अरमान।
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