Friday 8 September 2017

जो जंग हम हर गए हैं - अरमान

जो जंग हम हार गए हैं
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जो लड़ने गए थे
उनमें कुछ
दुश्मनों से मिल गए
कुछ
लौट गए अपने ग़ांव
कुछ जो अनभिज्ञ थे
साजिशों से
लड़े
और मारे गए
वह कवि
जिसने युद्ध गीत लिखा
भूखा मरा
दूसरा कवि
जिसने
लिखा प्रशस्ति गान
उसे चीटियां खा गयीं
सेनापति देर तक लड़ा
और राजा ने
एक झटके में
अधीनता स्वीकार ली
जो पागल थे
झंडे को छुपाये जंगल चले गए
जो आशिक थे
उन्हें माशूकों ने दुत्कार दिया
वह
जो जंग हम हार गए हैं
उसमें
दुश्मन से अधिक
स्वार्थ की जीत हुई है
Armaan anand singh

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