Sunday, 17 November 2019

कविता : कम्बखत ये गरीब

ये गरीबों के बच्चे
कम्बखत

बिना टैक्स दिए
पढ़ लेते हैं 
देश के बड़े संस्थानों में

फीस बढ़ाओ और 
संस्थानों को इनकी पहुंच से बाहर कर दो

बिना टैक्स दिए लेते हैं
देश की हवा में सांस
और
टैक्स पेयर के हिस्से की भी हवा खींच लेते हैं

सायकिल से मर्सिडीज की सड़क जाम कर देते हैं

देश की रफ्तार बढ़ाने के लिए
इन गरीब पिल्लों को 
मारो
धक्के दो
और विकास रथ से नीचे उतार दो

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