कुत्ते, सांप ,बिच्छू
यहाँ तक कि हिरण भी
डर से हिंसक हो जाते हैं
इंसानों तुम बताओ तुम्हारे हिंसक हो जाने का राज क्या है
क्योंकि
हिंसा के सिर्फ दो कारण हो सकते हैं
आत्मरक्षा और भूख
बताओ
तुम किससे डरे हो
या तुम किसे खा जाना चाहते हो
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Featured post
कविता वो खुश नहीं है - अरमान आनंद
वो खुश नहीं है ---------------------- उसने कहा है वो खुश नहीं है ब्याह के बाद प्रेमी से हुई पहली मुलाकात में उदास चेहरे के साथ मिली किसी बाज़...
-
कुँवर नारायण की आत्मजयी को प्रकाशित हुए पचास साल से ज्यादा हो चुके हैं। इन पचास सालों में कुँवर जी ने कई महत्त्वपूर्ण कृतियों से भारतीय भा...
-
धान रोपती हुई औरतों पर कविताएँ 1 धान रोपती स्त्री - विश्वनाथ प्रसाद तिवारी --------------------------------------...
No comments:
Post a Comment