Saturday, 24 June 2017

पुरानी प्रेमिकाएं अरमान आनंद

पुरानी प्रेमिकाएं
.......................
तुम खुश हो
जानकार खुश होता हूँ

तुम दुखी हो जानकार दुःखी

मेरी भीतर जो स्त्री है
उसे तुम सब ने मिल कर बनाया है
और जो पुरुष है
उस पर
तुम सबका उतना ही अधिकार है
जितना मेरी नई प्रेमिका का

मेरी पुरानी प्रेमिकाओं
तुमसे कभी मैं नफरत नही कर सकता
तुम मेरा गुजरा हुआ वक्त हो
वक्त बेशकीमती होता है

तुमने मेरी खीझ आलस्य गुस्से सबको प्यार दिया है
इतना प्यार
जिसे मैं लौटा नहीं सकता
न लौटाना चाहता हूँ
मुझे कर्जदार की तरह मरने दो
जो तुम्हारे आभाव में फटेहाल दम तोड़ेगा

तुम पहले से ज्यादा खूबसूरत हो गयी हो
पहले से ज्यादा आत्मविश्वास झलकता है तुम्हारे भीतर
स्त्री टूटकर पहले से ज्यादा मजबूत हो जाती है
पुरुष टूटता है
तो बिखरता चला जाता है

ये जानकार भी कि तुम अब मुझे प्यार नहीं करती
इतना विश्वास है अभी भूली नहीं होगी
ख़ास कर जब तुम अनदेखा करने की कोशिश करती हो
ओह ये तो किसी छोटे बच्चे जैसा है

मैं तुम्हारी आँखों में झांकना चाहता हूँ
ओह
ये आज भी उतनी ही पानीदार हैं

मैं जो ये इतनी दूर खड़ा हूँ
यकीन करो मेरा दिल घुटनो के बल है

मेरी ख्वाहिश है
मैं घर से जब भी बाहर निकलूँ
तुम मिल जाओ मुझे
अकेली ऑफिस जाती हुई
किसी दोस्त के साथ शॉपिंग करती हुई
या
किसी मॉल या सिनेमा हॉल में
अपने पति या प्रेमी के साथ घूमती हुई
या अपने बच्चे को चुप कराती हुई

तुम्हें पल भर देखना
प्यार को एक बार और जीने जैसा है।

अरमान आनंद

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