यह है लौंगलता। इसका नाम पहले अमृत रखा जाना था लेकिन बाद में किसी मनचले ने लौंगलता रख दिया। गुनांचे हमने दो बरस से नही खाया।
देश मे सबसे अच्छी लौंगलता यूपी के चंदौली जिले में रेलवे स्टेशन के बाहर मिलती रही। लौंगलता की खासियत इसके भीतर भरा खोया और उसमे मिला लौंग होता है।
प्रेमिका को खिला दो तो कभी धोखा नही देगी पत्नी को खिला दो कभी कोई सवाल नही पूछेगी। महिलाएं ,पुरुषों के सामने इसे नही खाती। पुरुष, मित्रों के साथ कम खाते हैं।
लौंगलता की एक खासियत और है यह पत्ते पर लकड़ी के चम्मच से आंख बन्द करके खाने में ही मजा देता है। आंख खोल करके खाएंगे सूक्ष्म आनंद से वंचित रह जाएंगे।
लौंगलता वैसे तो बनारस में बीएचयू गेट पर भी मिलता रहा लेकिन वो गड्ड होता था।
लौंगलता समोसा के फूफा का बेटा है। दोनों को साथ लिया जाना सुंदर है।
लौंगलता ख़ाकर पानी नही पीना चाहिए। थोड़ी देर टहलिए और एक नींद सो जाइये। अच्छा लगेगा।
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