Tuesday, 28 March 2017

व्यक्तित्व विभाजन

जब कुछ लोग रोटी तलाश रहे हों
तुम उनकी संभावनाओं
का व्यापार कर
जाओ
किसी समुद्र के किनारे
और
रति में रत
रात की किसी सुबह
धोओ नमकीन पानी से अपना चेहरा
प्रेम विलाप में
जोर जोर से कराहो
पाब्लो की पंक्तियाँ
विश्व रंगमंच दिवस पर
करो
क्रंदन का शानदार अभिनय
उतारो कुछ सेल्फियां

तुलसी और मुक्तिबोध पर एक साथ बात करते हुए
रैदास को भूल जाने तुम्हारा अवसरवादी प्रयत्न
कितना अद्भुत है
जो आगामी पीढ़ियों को
चरित्रहीनता पर गर्व करने की सीख देता है

तुम कितनी शानदार मकड़ी हो
जो
अपने जाले में हर किसी को फंसाते हुए
एक साथ
समाजवाद
साम्यवाद
दक्षिणपंथ
जातिवाद
गोत्रवाद
क्षेत्रवाद
नस्लवाद
आतंकवाद
में अपनी आठों टाँगें जमा सकती हो

याद रखो दोस्त
जिस पाप को गंगा न धो सकी
उस
पाप की गठरी को समंदर की विशाल कोख भी छुपा नहीं सकती

No comments:

Post a Comment

Featured post

व्याकरण कविता अरमान आंनद

व्याकरण भाषा का हो या समाज का  व्याकरण सिर्फ हिंसा सिखाता है व्याकरण पर चलने वाले लोग सैनिक का दिमाग रखते हैं प्रश्न करना  जिनके अधिकार क्षे...