महाराज अजेय हैं
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नेतृत्व निरर्थक
साबित हुआ :
जब यह स्वीकार करने का
समय आया
राजा ने
दूसरे संकट की ओर
ध्यान दिलाया :
हमारा विपक्ष
प्रतिभाहीन है
सभासदों ने दोहराया :
महाराज का
कोई विकल्प नहीं है
उन्होंने जय-जयकार की :
महाराज अजेय हैं
अजर हैं
अभी आधी सदी तक
राज करेंगे
विधान के मुताबिक़
प्रत्येक पाँच साल पर
जनमत-संग्रह की भी
ज़रूरत नहीं
क्योंकि राज्य में
योग्यता का अभाव है
कारण कुछ ऐसा था
कि अकाल की
ख़बर की तरह
सुन पड़ती थी
यह मुनादी
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