आगवानी में पुत्र
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(अरुणाचल आ रहे अपने पिता की पहली यात्रा के निमित्त)
पापा! आप आ रहे हैं
बेटे के पास
उस बेटे के पास
जिसे आपने अपने पाँव पर चलना सिखाया
पापा! आप आ रहे हैं,
बेटे के पास
उस बेटे के पास
जिसे आपने अपनी राह खोजना सिखाया
पापा! आप आ रहे हैं,
बेटे के पास
उस बेटे के पास
जिसे आपने खुद पर हौसला रखना सिखाया
पापा! आप आ रहे हैं,
बेटे के पास
उस बेटे के पास
जिसे आपने अपनी ग़लती स्वीकारना सिखाया
पापा! आप आ रहे हैं,
बेटे के पास
उस बेटे के पास
जिसे आपने अच्छे के आगे झुकना सिखाया
पापा! आप आ रहे हैं,
बेटे के पास
उस बेटे के पास
जिसे आपने जीने के लिए लड़ना सिखाया
पापा! आप आ रहे हैं,
बेटे के पास
उस बेटे के पास
जिसे आपने हमेशा ऊँचा होना सिखाया
पापा! आप आ रहे हैं
बेटे के पास
उस बेटे के पास
जिसे आपने संतान के लिए पिता होना सिखाया
(राजीव रंजन प्रसाद)
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