गाँधी
तुमने कहा था
बुरा मत देखो
बुरा मत सुनो
बुरा मत बोलो
तुम्हें जान कर ख़ुशी होगी
आज हमसब
गांधीवादी हो चुके हैं।
कितना भी बुरा हो
सामने पीछे इर्द-गिर्द
हम अनदेखा कर देते हैं।
मूल्यों की टूटती तारों से
झंकारती चीत्कारें
हम अनसुना कर देते हैं।
हमारा यही अनदेखा-अनसुनापन
लग जाता है-खुद हमारी
जुबान पर ताला।
ना सुनता है कोई ना देखता है
हम स्वतः हो जाते हैं गांधीवादी।
गाँधी
तुम्हारा सबसे बड़ा अनुयायी था
गोडसे
ग से गांधी
ग से गोडसे
आश्चर्य मत करो
देखो
वह नहीं चाहता था
की विभाजन के बाद
और ज्यादा
और ज्यादा
कुछ भी ...तुम
बुरा देखो
बुरा सुनो
बुरा बोलो
अब
सब अच्छा है।
.............हे राम।
*******अरमान********
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