#मार्क्स_का_जन्मदिन
मार्क्स ने कहा था
दुनिया की व्याख्या बहुत हो गई
अब उसे बदलना चाहिए
हालांकि उसने व्याख्या भी की
और बदला भी
हमने बदलने वाली बात पकड़ ली
और व्याख्याओं से कतरा गए
दुनिया बदलती गई
हमारी उम्मीद से भी ज़्यादा
पर हमने उसकी व्याख्या करते रहना
ज़रूरी नहीं समझा
नतीजा वही हुआ
जो होना था
हम जिसे बदलने में लगे थे
उसे समझने से चूक गए
मार्क्स को याद करते हुए
मैं आज कहता हूँ
बदलने के लिए भी समझने की ज़रूरत है
हमें इस नई दुनिया की
व्याख्या करनी चाहिए।
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