आसमान से झड़ते हैं शब्द
धरती से टकरा कर
सन्तूर से बजते हैं
सुनना
किसी खाली रात में जब तुम्हारा सीना
आसमान की तरह सजल बादलों से भरा हो
सुनना उसे
जैसे
पड़ोस की छत पर बजते रेडियो को सुनते हो
महसूस करना
जैसे न
होकर भी तुम्हारे पास कोई होता है
कथाचोर का इकबालिया बयान _________ कहानियों की चोरी पकड़ी जाने पर लेखिका ने सार्वजनिक अपील की : जब मैं कहानियां चुराती थी तो मैं अवसाद में थ...
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