Sunday 3 April 2016

बिजूका - लीलाधर मंडलोई



मैं खेत के बीच खड़ा बिजूका हूँ

सब जानते हैं

झूठ बड़े काम का है

यह सिर्फ किसान जानता है



पृष्ठ २२ बीजूका / लिक्खे में दुःख

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