Sunday, 3 April 2016

मुल्क लीलाधर मंडलोई



ख़बरें जो सुनी नहीं गई ध्यान से जैसे

किसान आत्महत्या कर रहे हैं

मजदूर आत्मदाह

कामकाजी औरतें

बलात्कार से खुद को बचा नहीं पा रहीं

भ्रष्टाचार की आग

गोल इमारत में भी

चैनल गुप्त रूप से

नए नए ऑपरेशन में सक्रिय

और लेन- देन का

विलम्ब प्रसारण

मुल्क यक़ीनन बदल रहा है

..................



पृष्ठ ९८ लिक्खे में दुःख

No comments:

Post a Comment

Featured post

कविता वो खुश नहीं है - अरमान आनंद

वो खुश नहीं है ---------------------- उसने कहा है वो खुश नहीं है ब्याह के बाद प्रेमी से हुई पहली मुलाकात में उदास चेहरे के साथ मिली किसी बाज़...