खरपतवार
...................
मेरा कोई खेत नहीं
मैं दोस्तों के खेत में
करता था काम
जैसे माँ
फसल आने पर
मैं खेत से बाहर था
जैसे खरपतवार
.............................
लिक्खे में दुःख लीलाधर मंडलोई पृष्ठ २१
कथाचोर का इकबालिया बयान _________ कहानियों की चोरी पकड़ी जाने पर लेखिका ने सार्वजनिक अपील की : जब मैं कहानियां चुराती थी तो मैं अवसाद में थ...
No comments:
Post a Comment