'राष्ट्रऋषि घर पर हैं?'
''राष्ट्रऋषि घर पर हैं क्या?''
''आप लोग कौन हैं, क्या काम है?''
''हम लोग देशभक्त हैं और उससे ज्यादा राष्ट्रऋषि के भक्त हैं. हम पूछने आये हैं कि पाकिस्तान पर हमला कब करना है.''
''राष्ट्रऋषि विश्राम कर रहे हैं .जब से बिहार होकर आये हैं तब से बस सो रहे हैं.जब नींद खुलती है तो गाते हैं, 'डाका तो नहीं डाला चोरी तो नहीं की है' और फिर चिर निद्रा में चले जाते हैं.''
''बिहार किस काम से गए थे?''
''कह रहे थे कि पार्टी का काम है.''
''अरे ऋषिवर कहीं पार्टी के काम से जाते हैं तो रोड शो करते हैं जिसका प्रसारण न्यूज़ चैनल पर होता है.''
''अच्छा फिर.''
''मुझे तो संदेह हो रहा है कि कहीं राष्ट्रऋषि बिहार की उस पार्टी में तो नहीं गए जिसमे लाखों लीटर.''
''हे भगवान् मतलब राष्ट्रऋषि झूठ बोल रहे थे.वे चूहों...''
''हम लोग नहीं कह रहे कि राष्ट्र ऋषि चूहा''
''देखिये आप लोग कहें न कहें मैं तो राष्ट्र ऋषि को जानती हूँ न.उनके यहाँ बहुत दिनों से काम कर रही हूँ.आपके राष्ट्रऋषि न फऊंकते बहुत जादा हैं.उनसे कुछ होता जाता नहीं.''
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