Friday, 6 October 2017

राष्ट्र ऋषि सिंघल द्वीप में - शशि कुमार सिंह

राष्ट्र ऋषि सिंघल द्वीप में

''मेरे प्यारे श्रीलंकाई भाइयो और बहनो ! इस बार आपकी धरती पर कोई राजनेता नहीं आया है बल्कि एक राष्ट्र ऋषि आया है.राष्ट्र ऋषि की दीक्षा के उपरांत मैंने विदेश यात्रा के लिए श्रीलंका को चुना.यह  दोनों देशों के रिश्तों की मजबूती का परिचायक है.भाइयो और बहनो बौद्ध धर्म से मेरा पुराना रिश्ता रहा है.सही बात तो यह है कि मैं भी बौद्ध धर्म में ही पैदा होना चाहता था.मगर अफ़सोस की बात नहीं है.मैं जन्मना नहीं धर्मना बौद्ध हूँ.आप जानते हैं कि भारत एक ऐसा देश है जहां धर्मों की गिनती करते हैं तो समूह में ही करते हैं.इस तरह धर्मों को याद करने में भी आसानी रहती है.हम बोलते हैं हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई.ये चारों एक साथ आते हैं.इसके बाद जैन और बौद्ध धर्म एक साथ.आप जानते हैं कि विश्व के सबसे बड़े राजनीतिक दल के अध्यक्ष जैन हैं.उनके साथ रहता कौन है?आपका राष्ट्रऋषि.एक जैन के साथ रहने वाला बौद्ध हुआ ना क्योंकि दोनों धर्मों की काउंटिंग एक साथ होती है.
आप मेजबान हैं.मैं मेहमान हूँ.दुनिया के कई देशों की यात्रा मैंने की, मगर इतना अपनापन मुझे कहीं नहीं मिला.कार्यक्रम के संचालक ने जब राष्ट्रऋषि के साथ मुझे संबोधित किया तो समझ लीजिये कि मेरा रोवां-रोवां भरभरा गया.मैं भोजपुरी इलाके से सांसद हूँ न इसलिए थोड़े भोजपुरी के शब्द आ जाते हैं.मैं एक बात मजाक में ही कह रहा हूँ आपके रावण ने हमारे देश की महिला का किडनैप किया.इतना लुच्चा आदमी कहीं देखा है आपने?यह लव जिहाद ही तो था.मगर आज हम इतने सक्षम हैं कि लव जिहाद करने की रावण की हिम्मत  न पड़ती.आज आर.एस.एस., विश्व होन्दू परिषद् ,आदित्यनाथ जी की हिन्दू युवा वाहिनी के सदस्य आपको बताते कि लव जिहाद वास्तव में होता क्या है?सारी लुच्चई भूल जाती.वैसे हमारे आर.एस.एस.ने गर्भ में ही बच्चे को सुसंस्कृत करने की सराहनीय पहल की है.हमारे यहाँ एक प्रदेश में, अरे उसी प्रदेश में जहां से मैं सांसद हूँ और जो राम की भी जन्मभूमि है, हाँ तो वहाँ हमने रामराज्य लाने की प्रयोगशाला या कार्ययोजना के तहत एंटी रोमियो स्क्वाड चालू किया है.अब किसी लुच्चे की हिम्मत नहीं पड़ती.मगर आपके यहाँ तो एंटी जूलियट स्क्वाड चालू करना होगा क्योंकि यहाँ उलटे शूर्पनखा जैसी लड़कियां ही छेड़ती हैं.
भाइयो और बहनो आप लोग बुरा तो नहीं मान रहे हैं न ?अरे ऋषियों  के कडवे प्रवचन लाभदायक होते हैं.रावण के लोग ऐसे ही लोगों को पकड़कर खा जाते थे.यह पूरा श्रीलंका चलता फिरता स्लोटर हाउस ही तो है.मगर अब ऐसे नहीं चलेगा.अब भारत के पड़ोस में ऐसा नहीं चलेगा.अब सभी को लाइसेंस लेने होंगे.यहाँ के सभी पशुओं का विशेष रूप से गोमाता का आधार कार्ड बनेगा.और हम इस मामले में आपकी पूरी मदद करेंगे.हम अपने यहाँ भी यह योजना लागू कर रहे हैं.
रावण के दूसरे राजनीतिक दलों के साथ संबंधों की जांच होगी.जरूर उसका सम्बन्ध कांग्रेस से था.नहीं तो इतनी बड़ी सोने की लंका.असंभव है.
भाइयों और बहनो मेरा तो हिंसा में कतई विश्वास नहीं है.कभी था भी नहीं.जो कुछ बात आप लोगों के कानों तक पहुँची होगी, वह सब विपक्ष और विपक्षी मीडिया की वजह से.इस पाप भूमि में हमारे यहाँ से हनुमानजी आये थे.क्या किया था याद है न?पूरी लंका को तहस-नहस कर दिया था.मैं भी कर सकता हूँ क्योंकि मेरे भक्त भी मुझे हनुमान से कम नहीं मानते.मगर मैंने कहा न मेरा हिंसा में कतई विश्वास नहीं है.सहारनपुर से कुछ ख़बरें आ रही थीं.हमने निंदा की.मन थोड़ा घूमने का हुआ तो मैं आ गया भगवन बुद्ध की शरण में.वैसे बुद्धं शरणम गच्छामि वाले लोग मुझे बहुत पसंद हैं.अम्बेडकरजी से हम कितना प्रेम करते हैं, यह बताने की जरूरत नहीं है.हम चाहते हैं कि हमारी पार्टी की शाखा यहाँ भी खुले .विभीषणजी को इस सिंघल द्वीप का अध्यक्ष बनाऊँ.मैं आकर यहाँ चुनाव में रोड शो करूं.इस तरह से दोनों देशों के सम्बन्ध मजबूत बनें और आप लोग भी सभ्य और सुसंस्कृत बनें.आप के देश में भी जो भिन्न भाषा, भिन्न संस्कृति, भिन्न देश, भिन्न रहन-सहन के लोग रहते हैं, उनको इस देश से खदेड़ कर बाहर किया जाए.अरे भाई आपका इतिहास अलग है.आपका भूगोल अलग है तो फिर आप देशभक्त कैसे हुए?आप तो घुसपैठिये हैं.आप देश के गद्दार हैं.इनसे निजात बी.जे.पी. ही दिलायेगी.यहाँ बड़ी संख्या में बी.जे.पी. और आर.एस.एस.की शाखा खुले.बी.जे.पी. सत्ता में आये, मेरा वादा है आप सभी के अच्छे दिन जरूर आयेंगे.पुनः आप हमें शीघ्र  बुलाइएगा.आपने हमें इतने ध्यान से सुना.खूब तालियाँ बजाईं.बहुत-बहुत धन्यवाद.अब मैं ऋषि वाणी को विराम देता हूँ.''

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