Thursday, 5 October 2017

खतरा - शशि कुमार सिंह

खतरा

''योगी बाबा ! बच्चा बीमार है.''
''कितने हैं?''
''बाबा आठ हैं.''
''इतने क्यों?''
''बाबा आप लोगों ने ही तो कहा था कि आठ-आठ पैदा करो, हिन्दू धर्म खतरे में है.''
''ये आठ होंगे क्या?''
''बाबा हिन्दू धर्म के उत्थान में काम आयेंगे.''
''मगर.''
''बाबा एक आर.एस.एस.के लिए है.एक विश्व हिन्दू परिषद के लिए.एक बजरंग दल के लिए.एक हिन्दू युवा वाहिनी के लिए.एक हिन्दू महासभा के लिए.एक मंदिर निर्माण के लिए.एक गोरक्षा में काम आएगा.एक...''
''हाँ, मगर बड़े होने पर न?अभी ये किस काम आयेंगे?ये तो अभी नारा भी नहीं लगा सकते.बोलो बेटा ! हर हर मोदी घर घर मोदी.बोलो भारत माता की जय.बोलो वन्देमातरम्.''
''बाबा बच्चा बीमार है.''
''अरे आठ-आठ पैदा किया है, फिर एक के लिए इतनी चिंता क्यों?देखो-देखो  कुछ भी नहीं बोल पा रहा है.तुम लोग ऐसे बच्चे सरकार के भरोसे छोड़ोगे तो सरकार प्रदेश चलाये कि बैठकर लोरी गाये?और ऊपर से अगस्त का महीना है.और हाँ स्मरण रखना सनातन धर्म खतरे में है?''
''बाबा सारा खतरा समझ में आ गया.''
''क्या खतरा-खतरा लगा रखा है.बस तुम लोगों को अपने और अपने बच्चों के खतरे की पड़ी है.अरे अभी मदरसों में कैमरे लगाने का कार्य प्रगति पर है.गोमाता के लिए एम्बुलेंस का उद्घाटन करने मुझे जाना है.यह राष्ट्रहित का सांस्कृतिक अनुष्ठान है और तुम लोगों को बस अपनी-अपनी पड़ी है.शर्म नहीं आती तुम लोगों को.स्वार्थी कहीं के.देख रहे हो कि हिन्दू धर्म खतरे में है.भारतवर्ष खतरे में है.और एक आदमी बगैर छुट्टी लिए बीस-बीस घंटे काम करता है.''
''हाँ देख रहे हैं बाबा.बिलकुल देख रहे हैं.''
''क्या?''
''देख रहे हैं कि हिन्दू धर्म खतरे में है, भारतवर्ष खतरे में है और एक आदमी बगैर छुट्टी लिए बीस-बीस घंटे काम करता है.'' Shashi Kumar Singh Via BM Prasad

No comments:

Post a Comment

Featured post

व्याकरण कविता अरमान आंनद

व्याकरण भाषा का हो या समाज का  व्याकरण सिर्फ हिंसा सिखाता है व्याकरण पर चलने वाले लोग सैनिक का दिमाग रखते हैं प्रश्न करना  जिनके अधिकार क्षे...