Thursday, 5 October 2017

तानाशाही नहीं चलेगी - शशि कुमार सिंह

तानाशाही नहीं चलेगी

''ये हार्वर्ड क्या होता है?देखा कैसे हार्डवर्क से जवाब दिया|''
''ये तो सुपरहिट जुमला था|एक कहानी सुनाऊँ?एक बार एक गधे को राजा बना दिया गया|''
''ये किस गधे की कहानी सुना रही हो?''
''वह महिला सशक्तीकरण, युवा शक्ति, छात्र शक्ति, बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ पर खूब भाषण देता था|''
''मुझे कह रही हो न?''
''नहीं, नहीं|''
''मैं समझ रहा हूँ|मुझे कह रही हो|स्मृति मैं तुम्हारी हर बात सुन लेता हूँ|''
''आगे सुनिए उसे पढ़ाई से नफरत थी|''
''मुझे ही कह रही हो न?''
''हा हा हा|अरे नहीं, आपको नहीं कह रही हूँ|''
''ये बाहर से कैसी आवाजें आ रही हैं?''
''ये स्टूडेंट हैं|''
''मगर ये संसद की ओर क्यों आ रहे हैं?''
''शायद आपसे मिलना चाहते हैं|''
''मगर ये तो सवाल पूछेंगे|कह दो मैं नहीं हूँ|''
''इनको पता है, आप यहीं हैं|इन्होंने ही तो आपको यहाँ भेजा था|''
''स्मृति विश्वविद्यालयों का कुछ करना होगा|''
''अब कौन करेगा?मुझे सिच्छा मंत्री बनाए थे, तो हटा दिए|''
''ठीक है न, तुमको दूसरा बढ़िया मंत्रालय तो दिए हैं न|''
''मगर उसमें तो मैं प्रोफेसरों को डांट सकती थी न|यही देशद्रोही पैदा कर रहे हैं|''
''ठीक है रक्षा मंत्री भी तो शायद कुछ पढ़ी-लिखी हैं|उनको बुलाओ|''
''रक्षा मंत्रीजी ये क्या हो रहा है?पूरी तैयारी है न?''
''कहाँ, पकिस्तान पर या चीन पर किस पर हमला करना है.''
''अरे उन्हें तो मैं मुँह से हरा देता हूँ|इनका कुछ करो.ये जो विश्वविद्यालयों से आतंकी आ रहे हैं|ये पकिस्तान से भी खतरनाक हैं|''
''हाँ सर|तोप तो मंगा लिया है|तीनों सेनायें आ गयी हैं|किम जोंग से भी संपर्क में हूँ|कुचल देंगे|आप चिंतित न हों|''
''स्मृति मुझे बचाओ|''
''मेरे बस का होता तो आपको कहना पड़ता?शहजादे से तो मैं तुरंत प्रेस कांफ्रेंस करके बचा लेती हूँ|''
''ठीक है पुलिस बुलाओ|''
''अरे तीनों सेनायें हैं|''
''अच्छा अच्छा जल्दी करो नालायको, ये स्टूडेंट इधर ही बढ़ रहे हैं|''
''गोला फेंको|लाठी चार्ज करो....तोप जल्दी लाओ|कुछ करो|''
''सर इसके लिए हमारे पास प्लान है|सारे पुस्तकालयों को जलाना होगा.संघ के प्रचारकों को नियुक्त करना होगा|ये सब देशद्रोही हैं|इनको देशभक्ति सिखानी होगी|''
''हाँ मगर पूर्व सिच्छा मंत्रीजी अभी क्या करें?जल्दी इनको उड़ाओ|ये भीड़ तो बढ़ती ही जा रही है|''
''सर हम पूरी कोशिश कर रहे हैं|लाखों को तो मार गिराया|''
''अभी कितने बचे हैं?तुम लोगों से कुछ नहीं होगा|ये आवाज़ क्यों नहीं रुक रही है?''
''तानाशाही नहीं चलेगी|नहीं चलेगी|''
''मेरा झोला कहाँ है, मैं तो जा रहा हूँ|हे देवी रक्षा करो|''
''तानाशाही नहीं चलेगी|नहीं चलेगी|''
''अरे मोदीजी उठिए कहाँ जा रहे हैं?किससे रक्षा करनी है?क्या नहीं चलेगी?''
''अरे अध्यक्षजी देखिये स्मृति कहाँ हैं?''
'' क्यों?''
''पूछना था गधे का क्या हुआ |''
''किस गधे का?आपने जरूर कोई भयानक सपना देखा है|''
''देखो बाहर कौन सा झंडा फहर रहा है?सबकी लाशों को समन्दर में फिंकवा दो|विश्वविद्यालयों में जल्दी टैंक रखवाओ|''
''सब हो जाएगा|धैर्य रक्खें|''

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