Tuesday, 3 October 2017

भीड़ के बारे में कुछ बातें - अरमान आनंद

(भीड़ के बारे में कुछ बातें)

जहां तक मेरी जानकारी है

भीड़ ने सबसे पहले
ईश्वर के बेटे को मारा था

जिसके जन्म से अंग्रेजी सभ्यता की शुरुआत हुई थी

भीड़ हमेशा नामजद के साथ अन्य है

भीड़ और पागल पर सजा मुकर्रर नहीं होती

भीड़ जितना डरी हुई होती है
उतनी ही हिंसक होती है

भीड़
नोताओं, तानाशाहों, आतंकियों का पहला निशाना है

भीड़ सफलता की निशानी है

भीड़ बाज़ार है

भीड़
लोकतंत्र का डुप्लीकेट है

दुनिया के पास तीन तरह के लोग हैं
पहला जो भीड़ ला सकता है
दूसरा जो भीड़ बनता है
तीसरा जो भीड़ का शिकार होता है

भीड़ के अध्ययन से पता चलता है
मनुष्य स्वभाव से अराजक और पशु है
और मनुष्यता की लड़ाई
एक दिनचर्या है

इतना सब लिखने और कहने पर
हो सकता है
भीड़ आए
या तो मुझे मार डाले
या मुझे खुदा घोषित करे

-- अरमान

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