Thursday, 5 October 2017

बदला - शशि कुमार सिंह

बदला

भेड़ियों को जंगल की बड़ी चिंता हुई.भेड़िये चाहते तो जंगल पर आसानी से कब्ज़ा कर सकते थे क्योंकि जंगल की क़ानून व्यवस्था खराब थी और हर जगह स्लाटर हाउस खुले हुए थे.मगर उनका लोकतंत्र में विश्वास था.इसलिए भेड़ियों के राजा ने चुनाव में जाना जरूरी समझा.भेड़ियों ने कहा कि वर्त्तमान में जो गीदड़ों की सरकार है वह जानवर विरोधी है.वह स्लाटर हाउस में जानवरों को काटती है.इससे जंगल की संस्कृति को खतरा है.हमारी सरकार आते ही हम स्लाटर हॉउस बंद कर देंगे.भेड़ भेड़ियों की बात में आ गए और जंगल की सत्ता उन्हें सौंप दी.जंगल के राजा ने एक खूंखार भेड़ियों को जंगल के शासन के लिए खासतौर पर भेजा.खूंखार भेड़िया आग उगलने के लिए पूरे जंगल में  मशहूर था.खूंखार भेड़िये ने अपना वादा पूरा करना शुरू किया.स्लाटर हाउस धड़ाधड़ बंद होने लगे.जानवर बहुत खुश हुए कि कटने से बच गए.भेड़िये को लगा कि इतने दिनों तक हमें इन भेड़ों ने सत्ता से दूर रखा है इसलिए इन भेड़ों को सबक सिखाना जरूरी है.उसने घोषणा की कि मेमनों के लिए अलग से स्लाटर हाउस खोला जाएगा.मगर स्लाटर हाउस के नाम पर भेड़ मेमनों को कैसे ले आते?इसलिए खूंखार भेड़िये को एक तरकीब सूझी.उसने स्लाटर हाउस का नाम अस्पताल रख दिया.भेड़ अपने बीमार मेमने लेकर अस्पताल आते.खूंखार भेड़िया मेमनों को मार डालता.अब रोज उस स्लाटर हाउस में मेमने कट रहे हैं.भेड़ आँखों में आंसू भरे अपने मेमनों को कटता देख रहे हैं.खूंखार भेड़िया अट्टहास कर रहा था क्योंकि उसका बदला पूरा हो रहा था.

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