'जुबां केसरी'
''नमस्कार मित्रो ! आज भाजपा के प्रधानमंत्रीजी न्यू इंडिया से जुड़े हमारे प्रश्नों के उत्तर देंगे.मगर प्रधानमंत्रीजी की केवल एक शर्त है कि रिकॉर्डिंग के दौरान कोई हंसेगा नहीं.तो प्रधानमंत्रीजी नमस्कार !हार्दिक स्वागत है आपका हमारे ख़ास प्रोग्राम में, जिसका नाम है 'भाड़ में जाए इंडिया.' तो सबसे पहले आप हमें ये बताएं कि न्यू इण्डिया का स्वरुप कैसा होगा?''
''देखो पहली बात तो मुझे प्रधान सेवक बोलो.और देखो न्यू इंडिया हमारे प्रातः स्मरणीय गोलवलकरजी, हेडगेवारजी, नाथूरामजी और सावरकरजी के सपनों का इण्डिया होगा.और हाँ मुखर्जीजी और दीनदयालजी के भी.''
''सर पुरानी इण्डिया का क्या करेंगे?''
''पुरानी योजनाओं को तुम पहचान पाते हो.नहीं न?''
''नहीं सर.''
''तो समझ में आया?तो ऐसे ही ओल्ड सड़ी गली इण्डिया को भी ऐसा बदलेंगे कि तुम क्या कोई भी नहीं पहचान पायेगा.''
''जी.''
''सबसे पहले हम राष्ट्रपिता चेंज करेंगे.''
''किसे बनायेंगे?''
''हिन्दू ह्रदय सम्राट नाथूराम गोडसे से अधिक उपयुक्त कौन होगा.और बाकी महापुरुषों को एडजस्ट करने के लिए उपराष्ट्र पिता का पोस्ट क्रियेट करेंगे.उपराष्ट्रपिता के भी कई पोस्ट होंगे.''
''जी.''
''इसीलिये हमने योजना आयोग को समाप्त किया.''
''क्यों सर?''
''सब नेहरू-नेहरू था.नीति आयोग देखो कितना अच्छा लगता है.प्यारा सा तत्सम सा कितना वैदिक सा आयोग लगता है.''
''जी.सर और क्या बदलना है?''
''प्रधानमंत्री पोस्ट का नाम भी हमने बदल दिया.''
''जी .''
''अब बच्चे पढेंगे, 'हू इज द प्राइम सर्वेंट ऑफ़ न्यू इंडिया?'और आंसर होगा 'श्री नरेन्द्रभाई दामोदर दास मोदी.वाह गज़ब.''
''सर प्रधान सेवक थोड़ा बैकवर्ड सा लगता है.''
''हाँ जानता हूँ, मगर पब्लिक में चलेगा.कांग्रेसी बहुत आज़ादी की लड़ाई, आज़ादी की लड़ाई करते रहते हैं.आओ अब बताओ.अब बताओ कि इंडिया को किसने गुलाम बनाया था?''
''किसने सर?''
''हम सच्चा इतिहास पढ़ाएंगे.''
''क्या सर?''
''हम पढ़ाएंगे कि कैसे देश पर कांग्रेस ने कब्ज़ा किया था और लम्बे संघर्ष के बाद गुजरात में जन्मे प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्वयंसेवकों ने कैसे कांग्रेसियों को नागपुरी लाठियों से पीटकर भगाया और १६ मई २०१४ को देश लम्बी दासता से आज़ाद हुआ.और कैसे न्यू इंडिया अस्तित्व में आया.पंद्रह अगस्त का नामोनिशान ख़त्म.गांधी, नेहरू, इंदिरा सबका नामोनिशान ख़त्म.''
''जी.''
''हम पढ़ाएंगे कि कैसे सर्जिकल स्ट्राइक करके हमने बांग्लादेश का निर्माण कर दिया.''
''जी सर. न्यू इण्डिया का संविधान?''
''न्यू इंडिया में एक दलित द्वारा लिखा संविधान नहीं चलेगा.नहीं चलेगा.नहीं चलेगा.''
''फिर?''
''फिर क्या?हमारे पास 'मनुस्मृति' है.'बंच ऑफ़ थाट्स' है.संविधान की कमी थोड़ी है.एक से बढ़कर एक संविधान हैं हमारे पास.'मीन कांफ' भी हमारे नागपुर के पुस्तकालय में सुरक्षित है.''
''सर ये न्यू इंडिया का कांसेप्ट आपके दिमाग में आया कहाँ से?''
''देखो जैसे डेल्ही को अब न्यू डेल्ही कहते हैं तो वैसे ही कांग्रेस के समय इंडिया था....क्या है न कि इंडिया से पिछड़ेपन का बोध होता है.न्यू इंडिया में एक चार्मिंग है.''
''सर न्यू इण्डिया में इस्तीफा होगा?''
''ये क्या होता है?अच्छा याद आया....नहीं, नहीं इस्तीफे की पेशकश ही पर्याप्त है.''
''सर शिक्षा-दीक्षा?''
''किसकी?''
''मेरी या स्मृतिजी की?''
''नहीं, नहीं सर न्यू इण्डिया की.''
''देखो हम स्मृतिजी की शिक्षा मंत्रालय में वापसी करायेंगे.विदुषी महिला हैं...देखा संस्कृत में कैसे धाराप्रवाह शपथ ले रही थीं ?अच्छा देखो हम विज्ञान वगैरह तो बिलकुल नहीं पढ़ाएंगे.''
''जी.''
''हम संस्कारों पर जोर देंगे...चाल, चरित्र और चेहरा हमारी प्राथमिकता होगी.हम घर वापसी, लव जिहाद ,गोरक्षा, इमरजेंसी, 2 जी, कोलगेट, कॉमनवेल्थ सबको सिलेबस में शामिल करेंगे.बाबा राम रहीम, आसाराम बापू के स्पेशल लेक्चर होंगे.आखिरकार वे हमारे धरोहर हैं.''
''सर व्यापम वगैरह सिलेबस में रहेगा?''
''जितना बोल रहा हूँ उतना सुनो.''
'सर खेल मंत्री?'
''भागवतजी को खेल मंत्री और लाठी को राष्ट्रीय खेल घोषित करेंगे.''
''जी वित्त मंत्री?''
''अम्बानी और अडानी क्रमशः वित्त मंत्री और वित्त राज्य मंत्री होंगे.''
''सर गृह मंत्री?''
''हरियाणा को कई बार संकट से बचाने वाले मनोहरलाल खट्टर गृह मंत्री होंगे.''
''सर राष्ट्रीय पशु?''
''राष्ट्रीय पशु के लिए गोमाता सबसे उपयुक्त हैं.''
''सर राष्ट्रीय पशु बहुत सीधा सादा नहीं लग रहा है?''
''सीधा सादा है?माँ है न, माँ तो सीधी होती ही है न?लेकिन मैं सिर्फ आस्था ही नही राष्ट्रीय एकता की दृष्टि से भी विचार कर रहा हूँ.गोमाता के नाम पर जैसी एकता हिन्दू राष्ट्र में आयेगी, वैसी क्या किसी दूसरे पशु को एप्वाइंट करने में आ सकती है?''
''सर चुनाव?''
''देखो न्यू इण्डिया में चुनाव नहीं होंगे.''
''और क्या क्या नहीं होगा सर?''
''देखो कोर्ट वगैरह नहीं होगा.''
''क्यों सर?''
''क्या क्यों सर?देख रहे हो कि कोर्ट से हिन्दू संस्कृति को ख़तरा है....अभी डेरा मुखी को देखा, आसाराम बापू को देखा. और तो और राम मंदिर का मामला कबसे अटकाकर रखा है.''
''सर और क्या क्या समाप्त करेंगे?''
''ये मानवाधिकार आयोग, चुनाव आयोग, सूचना आयोग, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग जैसे बेकार के आयोग.इनको समाप्त करेंगे.''
''सर अच्छे दिन कब लायेंगे.''
''देखो हमने अच्छे दिनों को 2022 तक स्थगित कर दिया है.''
''सर नोटबंदी के फायदे बताइये.आपने कहा था कश्मीर में पत्थरबाजी बंद होगी.आतंकवाद ख़त्म हो जाएगा.काला धन वापस आ जाएगा.भ्रष्टाचार समाप्त हो जाएगा.दाऊद के होश ठिकाने आ जायेंगे.''
''तुम कब की बात कर रहे हो?अपने को अपडेट रखा करो.अब हमनें नोट बंदी का उद्देश्य बदल दिया है.देखो कितने नए टैक्स पेयर जुड़े हैं.''
''सर बोलने के बारे में नियम?''
''देखो भक्तों और देशभक्तों के लिए कोई पाबंदी नहीं होगी.''
''और दूसरों के लिए?''
''हम एक आयोग गठित करेंगे और वह आयोग एक गाइड लाइन जारी करेगा.जिसे सभी को फालो करना होगा.विशेष रूप से पत्रकार और देशद्रोही.''
''कैसे बोलना है सर?''
''कैसे बोलना है.एक विज्ञापन आता है.देखा है?केसर के अल्फाजों से तू बोल मेरी जुबां से.जुबां केसरी.दाने दाने में केसर का स्वाद.''
''सर केसर माने?''
''केसर माने देशभक्ति.''
''मगर देशभक्ति का स्वाद?''
''देशभक्ति का स्वाद तुम नहीं समझोगे.आज मैं जिस पोस्ट पर हूँ ये देशभक्ति का ही तो स्वाद है.''
''जी.धन्यवाद सर आपने हमें इतना समय दिया.''
''हाँ हाँ ठीक है.मगर ये बताओ कोई हँसा तो नहीं?नहीं तो तुरंत टर्मिनेट करूंगा.''
Thursday, 5 October 2017
जुबां केसरी - शशि कुमार सिंह
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