Friday, 6 October 2017

निलंबन शशि कुमार सिंह

#निलंबन

''डॉ.कफील!
जब ये मौतें हुईं तो तुम क्या कर रहे थे?''

''सर मैं ऑक्सीजन सिलिंडर के अरेंजमेंट में बिजी था.''

''क्यूँ? कुछ क्षण प्रतीक्षा नहीं कर सकते थे?''

''किसकी सर?''

''अरे मैं हवन करने के लिए ब्राह्मण भेज ही रहा था. हवन से वातावरण शुद्ध हो जाता. किसी को सांस लेने में तकलीफ ही नहीं होती. चिकित्सालय में वायु का अबाध संचार हो जाता. तुम्हारे कारण सनातन संस्कृति को कुठाराघात पहुंचा है. मैं यहाँ से सांसद रहा हूँ. क्या मुझे यह ज्ञात नहीं था कि यहाँ ऑक्सीजन की आवश्यकता है?
मैं विगत दो दशक से देख रहा हूँ. क्या मैं चेहरे से इतना मूर्ख लगता हूँ?मैं सनातन उपाय आजमाना चाहता था, पर तुम्हारे कारण यह प्रयोग असफल रहा. उफ़्फ़ मात्र 80?....

● तुम्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है.
और सुनो पंद्रह अगस्त को गणतंत्र दिवस मना रहे हो न?''

''गणतंत्र दिवस?''

''हाँ गणतंत्र दिवस. क्यूँ?''

''जी सर.''
***
Shashi Kumar Singh

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