Saturday 21 April 2018

महाराज संतोषी की कविता आसिफ़ा

आसिफा

ईश्वरीय उपस्थित के बीच
कोई मासूम
इस तरह
तडपा तडपा कर
मार दी जाए
और मेरे शहर  में
चर्चा  कुछ और हो
रोहिंग्या रोहिंग्या  का शोर हो

मै इस शोर के बीच
तुम्हारा  नाम पुकारूंगा
आसिफा आसिफा
तुम्हें  जिन्होंने  मारा
उन के पास
जैसे  बंधक  बना बैठा है
मेरा ईश्वर
चुपचाप  देखता  रहता है
आस्था  का तमाशा

Maharaj Santoshi, प्रसिद्ध कश्मीरी कवि

No comments:

Post a Comment

Featured post

कथाचोर का इकबालिया बयान: अखिलेश सिंह

कथाचोर का इकबालिया बयान _________ कहानियों की चोरी पकड़ी जाने पर लेखिका ने सार्वजनिक अपील की :  जब मैं कहानियां चुराती थी तो मैं अवसाद में थ...