मंदिर के देवी को धन्यवाद कहना कि उसने घोड़ों को घर पहुंचने में मदद की।
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मां
घोड़े घर पहुंच गये होंगे
मैंने उन्हें रवाना कर दिया था
उन्होंने घर का रास्ता ढूंढ लिया ना मां
लेकिन मैं खुद आ न सकी
तुम अक्सर मुझे कहा करती
आसिफ़ा इतना तेज़ न दौड़ा कर
तुम सोचती मैं हिरनी जैसी हूं मां
लेकिन तब मेरे पैर जवाब दे गये
फिर भी मैंने घोड़ों को घर भेज दिया था मां
मां वो अजीब से दिखते थे
न जानवर, न इंसान जैसे
उनके पास कलेजा नहीं था मां
लेकिन उनके सींग या पंख भी नहीं थे
उनके पास ख़ूनी पंजे भी तो नहीं थे मां
लेकिन उन्होंने मुझे बहुत सताया
मेरे आसपास फूल, पत्तियां, तितलियाँ
जिन्हें मैं अपना दोस्त समझती थी
सब चुप बैठी रही मां
शायद उनके वश में कुछ नहीं था
मैंने घोड़ों को घर भेज दिया
पर बब्बा मुझे ढूंढते हुये आये थे मां
उनसे कहना मैंने उनकी आवाज़ सुनी थी
लेकिन मैं अर्ध मूर्छा में थी
बब्बा मेरा नाम पुकार रहे थे
लेकिन मुझमें इतनी शक्ति नहीं थी
मैंने उन्हें बार बार अपना नाम पुकारते सुना
लेकिन मैं सो गई थी मां
अब मैं सुकून से हूं
तुम मेरी फिक्र मत करना
यहां जन्नत में मुझे कोई कष्ट नहीं है
बहता खून सूख गया है
मेरे घाव भरने लगे हैं
वो फूल, पत्तियां, तितलियाँ
जो तब चुप रहे
उस हरे बुगियाल के साथ यहां आ गये हैं
जिसमें मैं खेला करती थी
लेकिन वो.. वो लोग अब भी वहीं हैं मां
मुझे डर लगता है
ये सोचकर
उनकी बातों का ज़रा भी भरोसा मत करना तुम
और एक आखिरी बात
कहीं भूल न जाऊं तुम्हें बताना मैं
वहां एक मन्दिर भी है मां
जहां एक देवी रहती है
हां वहीं ये सब हुआ
उसके सामने
उस देवी मां को शुक्रिया कहना मां
उसने घोड़ों को घर पहुंचने में मदद की
(अंग्रेज़ी में मूल कविता लिखने वाले का नाम पता नहीं है)
मूल-
I SENT THE HORSES BACK HOME
Maai,
I sent the horses trotting,
And they found their way back home.
But, I couldn't.
My legs that you thought were
Swift as those of a deer,
They froze.
Maai, they froze.
But I sent the horses home.
Maai, them monsters,
They had no horns or fangs,
Or deadly long nails.
But they hurt me.
They hurt me bad, Maai.
The purple flowers,
The yellow butterflies,
They stood there helpless.
While I sent the horses back home.
Maai,
Tell Baba that I know,
I know,
I know he tried.
I heard him say out my name,
I heard him repeat it loud.
But,
I was sleepy Maai,
I was tired.
Them monsters,
They hurt me bad.
Strange as it may seem to you,
Maai,
It feels like your warmth now.
It doesn't hurt anymore.
The blood has dried
And it looks like the purple blossoms
That swayed with me in the meadows.
It doesn't hurt, Maai.
Maai,
The monsters are still out there.
And there are stories too.
Don't listen to them Maai,
Gut wrenching and agonizing they are
And a lot you've gone through.
Maai,
Lest I forget,
There's a temple there
Where lives a goddess.
Thank her,
For I think it's she who helped,
The horses find their way back home.
~ Mi
#JusticeForAsifa
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