Friday, 13 April 2018

बलात्कार के विरुद्ध कविता

दो टांगो के बीच से जन्म लेने के बाद
वक्षस्थल पर अपनी प्यास भूख मिटाने वाला इंसान,
बड़ा होते ही औरतो से इन्ही दो अंगों की चाहत रखता है,
और इसी चाहत में बीभत्स तरीकों को इख्तियार करता है
बलात्कार
और फिर हत्या.....?
ये कैसी चाहत है औरत से...???
जननी वर्ग के साथ इस तरह की मानसिकता..??

वध होना चाहिए
ऐसी कुत्सित मानसिकता के लोगों का.....
बलात्कार से बड़ा कोई ज़ुर्म नहीं है धरती पर..
______
मोनिका

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