Friday, 13 April 2018

बलात्कार के विरुद्ध नेहा की कविता

द्रौपदी की देह पर सियासत हुई थी
सीता की खूबसूरती ने भी
विवश किया था
लंकेश को अपहरण के लिए
वक्त बहुत आगे चला आया है
पर द्रौपदी छोटी हो चली  है

आठ साल की बंजारन हो गयी  है
या फिर सोलह बरस की कोई किशोरी
उसकी देह सयानी नही हुई
पर अब रावण ज्यादा क्रूर है
और दुर्योधन पहले से ज्यादा शातिर - सावधान
बलात्कार और हत्या के बाद
सफाई से मिल कर मिटा देना है सारे निशान
मूक रहेगा देवीष्ठान ..............

कृष्ण कृष्ण , कहाँ हो कृष्ण ?
हजारों कमजोर कृष्ण
लाखों बिसूरते हुए राम के साथ
जलती मोमबत्तियां ले कर चल रहे चुपचाप
कौन जाने !
इनमे भी कितने दू:शासन हैं
मेरठ से कश्मीर सियासत करने तो नही आया था
वो मासूम लड़का
चुप रहो , सुनने दो
किसने क्या नया बयान दिया है
धर्म क्षेत्रे , राजनीती क्षेत्रे
.........रमन्ते तत्र देवता |
-नेहा

No comments:

Post a Comment

Featured post

कविता वो खुश नहीं है - अरमान आनंद

वो खुश नहीं है ---------------------- उसने कहा है वो खुश नहीं है ब्याह के बाद प्रेमी से हुई पहली मुलाकात में उदास चेहरे के साथ मिली किसी बाज़...